आज का पंचांग 31 दिसंबर 2025: पौष पुत्रदा एकादशी आज मनाई जाएगी। एकादशी व्रत का पारण व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा तुलसी दल और पंचामृत से की जाती है। आप पंचांग से आज एकादशी व्रत के दिन शुभ और अशुभ मुहूर्त, योग, नक्षत्र, करण आदि के बारे में जान सकते हैं। आप 31 दिसंबर 2025 का पंचागम यहां देख सकते हैं।
पंचांग- 31.12.2025🌅
युगाब्द - 5126
संवत्सर - सिद्धार्थ
विक्रम संवत् -2082
शाक:- 1947
ऋतु __ शिशिर
सूर्य __ उत्तरायन
मास __ पौष
पक्ष __ शुक्ल पक्ष
वार _ बुधवार
तिथि- द्वादशी 25:47:16
नक्षत्र कृत्तिका 25:28:59
योग साध्य 21:12:27
करण बव 15:25:47
करण बालव 25:47:16
चन्द्र राशि - मेष till 09:22:01
चन्द्र राशि - वृषभ from 09:22:01
सूर्य राशि - धनु
🚩🌺 आज विशेष 🌺🚩
👉🏻 कूर्म द्वादशी/श्री रामलला प्रतिष्ठा दिवस
🍁 अग्रिम पर्वोत्सव 🍁
👉 प्रदोष व्रत
01/01/26 (गुरूवार)
👉 पूर्णिमा/ सत्य व्रत / माघ स्नान प्रारंभ
03/01/26 (शनिवार)
👉 तिलकुटा चौथ/ संकष्ट चतुर्थी व्रत
06/01/26 (मंगलवार)
👉 षट्तिला एकादशी/ मकर संक्राति
14/01/26 (बुधवार)
👉 प्रदोष व्रत
16 /01/26 (शुक्रवार)
👉 देवपितृ/ मौनी अमावस व्रत
18/01/26 (रविवार)
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अशुद्ध समय -
👉🏻 शुक्र अस्त
11/12/25 से 01/02/26 पर्यन्त
👉🏻 मल मास
15/12/25 से 14/01/26 पर्यन्त
🕉️🚩 यतो धर्मस्ततो जयः🚩🕉️
|| सज्जनता के लक्षण ||
🌞दूसरों के द्वारा प्रतिकूल व्यवहार करने पर भी आपके आचरण की मर्यादा बनी रहे, इसी का नाम सज्जनता है। सम्मान और सत्कार पाने पर तो साधारण से साधारण मनुष्य भी प्रसन्न हो सकता है। प्रसंशा प्राप्त होने पर सामने वाले को मुस्करा कर धन्यवाद देना ये काम तो कोई भी कर सकता है पर किसी के अभद्र व्यवहार करने पर भी सहजता को धारण किए रहना, यह सज्जनों का लक्षण है।
🌞 जो दूसरों से त्रास प्राप्त होने पर भी विनम्रता पूर्वक सब सहन करते हुए उसके मंगल का भाव रखे, यही सज्जनता है। सज्जन का अर्थ सम्मानित व्यक्ति नहीं अपितु सम्मान की इच्छा से रहित व्यक्तित्व है। जो सदैव शीलता और प्रेम रुपी आभूषणों से सुसज्जित है, वही सज्जन है। जो प्रत्येक परिस्थिति में प्रसन्न रहे और दूसरों को भी प्रसन्न रखने का भाव रखे वही सज्जन है।
जय जय श्री सीताराम 👏
जय जय श्री ठाकुर जी की👏
(जानकारी अच्छी लगे तो अपने इष्ट मित्रों को जन हितार्थ अवश्य प्रेषित करें।)
ज्यो.पं.पवन भारद्वाज(मिश्रा)
व्याकरणज्योतिषाचार्य
राज पंडित-श्री राधा गोपाल मंदिर
(जयपुर)